Yayati (Record no. 3732)
[ view plain ]
000 -LEADER | |
---|---|
fixed length control field | 04622nam a22001817a 4500 |
CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
control field | inpulm |
DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20250714153104.0 |
FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 120402s9999 xx 000 0 und d |
INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788171615889 |
CATALOGING SOURCE | |
Transcribing agency | inpulm |
Language of cataloging | mar |
MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | V.S.Khandekar |
TITLE STATEMENT | |
Title | Yayati |
SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | कै. विष्णु सखाराम तथा भाऊसाहेब खांडेकर यांच्या एकूण साहित्यकृतींच्या रत्नमाळेतील ‘ययाति’चे स्थान मेरुमण्यासारखे आहे. या कादंबरीचा पुराणाशी केवळ नावापुरता संबंध नाही. एका प्रसिद्ध पौराणिक उपाख्यानाचे धागेदोरे घेऊन ते त्यांनी या कादंबरीत स्वतंत्र रीतीने गुंफले आहेत. आपल्या प्रतिभेची जात, तिची शक्ती आणि तिच्या मर्यादा यांची योग्य जाणीव झालेल्या खांडेकरांनी आत्माविष्काराला योग्य अशीच कथा निवडली. ती ज्या माध्यमातून त्यांना प्रगट व्हावीशी वाटली, त्याच्यावर त्यांचे प्रभुत्व होतेच. पुराणकथांत जे भव्यभीषण संघर्ष आढळतात, त्यांचे मंथन करण्याची अंगभूत शक्तीही त्यांच्या चिंतनात होती. जीवन जसे एका दृष्टीने क्षणभंगुर आहे, तसेच, ते दुस-या दृष्टीने चिरंतन आहे; ते जितके भौतिक आहे, तितकेच आत्मिक आहे, या कठोर सत्याचे आकलनही त्यांना पूर्णत्वाने झालेले होते. त्यामुळेच एका पौराणिक कथेच्या आधाराने एक सर्वाेत्तम ललितकृती कशी निर्माण करता येते, याचा आदर्श वस्तुपाठच ‘ययाति’च्या रूपाने श्री. खांडेकरांनी वाचकांपुढे ठेवला आहे. कामुक, लंपट, स्वप्नातही ज्याला संयम ठाऊक नाही, असा ययाति; अहंकारी, महत्त्वाकांक्षी; मनात दंश धरणारी आणि प्रेमभंगाने अंतरंगात द्विधा झालेली देवयानी; स्वत:च्या सुखाच्या पलीकडे सहज पाहणारी आणि ययातीवर शरीरसुखाच्या, वासनातृप्तीच्या पलीकडच्या प्रेमाचा वर्षाव करणारी शर्मिष्ठा आणि निरपेक्ष प्रेम हाच ज्याचा स्वभावधर्म होऊन बसला आहे, असा विचारी, संयमी व ध्येयवादी कच या चार प्रमुख पात्रांमधील परस्परप्रेमाची विविध स्वरूपे या कादंबरीत समर्थपणे चित्रित झाली आहेत. ‘ही कादंबरी ययातीची कामकथा आहे, देवयानीची संसारकथा आहे. शर्मिष्ठेची प्रेमकथा आहे आणि कचाची भक्तिगाथा आहे, हे लक्षात घेऊन वाचकांनी ती वाचावी,’ अशी अपेक्षा स्वत: खांडेकरांनीच प्रकटपणे व्यक्त केली आहे.<br/> |
SUBJECT ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Vi Sa Khandekar |
9 (RLIN) | 102 |
INDEX TERM--GENRE/FORM | |
9 (RLIN) | 103 |
Genre/form data or focus term | कादंबरी |
INDEX TERM--GENRE/FORM | |
9 (RLIN) | 104 |
Genre/form data or focus term | पौराणिक |
ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Koha issues (borrowed), all copies | 74 |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Suppress in OPAC | No |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Total Checkouts | Total Renewals | Barcode | Date last seen | Date last checked out | Price effective from | Koha item type | Checked out | Source of classification or shelving scheme | Inventory number |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 2 | 1 | 6472 | 13/01/2022 | 25/11/2020 | 05/12/2018 | Books | |||||||
Lost | Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 5432 | 05/12/2018 | 05/12/2018 | Books | |||||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 2 | 6915 | 15/01/2022 | 07/12/2018 | 05/12/2018 | Books | ||||||||
Lost | Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 2 | 6916 | 07/12/2018 | 07/12/2018 | 05/12/2018 | Books | |||||||
Lost | Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 15533 | 05/12/2018 | 05/12/2018 | Books | |||||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 3 | 10485 | 16/12/2018 | 16/12/2018 | 05/12/2018 | Books | 02/01/2019 | |||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 4 | 2 | 10483 | 07/05/2019 | 07/05/2019 | 05/12/2018 | Books | 05/08/2019 | ||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 18 | 14 | 12075 | 31/07/2025 | 14/07/2025 | 05/12/2018 | Books | |||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 21 | 17 | 12251 | 09/06/2025 | 09/06/2025 | 05/12/2018 | Books | 06/12/2025 | ||||||
Lost | Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 1 | 10484 | 08/12/2018 | 08/12/2018 | 05/12/2018 | Books | |||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 15 | 9 | 12533 | 04/06/2025 | 21/04/2025 | 05/12/2018 | Books | |||||||
Lost | Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 2 | 3 | 11533 | 01/02/2020 | 02/01/2020 | 05/12/2018 | Books | ||||||
Head Office | Head Office | 05/12/2018 | 4 | 6 | 970035 | 19/03/2022 | 19/03/2022 | 05/12/2018 | Books | 15/09/2022 | Dewey Decimal Classification | 000453 |